UP के 5 हजार School Merger : यूपी के 5000 स्कूलों के मर्जर पर Allahabad High Court की मुहर, योगी सरकार को बड़ी राहत
यूपी के 50,00 स्कूलों का मर्जर होना है। सरकार द्वारा 16 जून 2025 को आदेश जारी किया गया था। इसके तहत कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को आसपास के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित किया जाना है। सीतापुर के 51 बच्चों ने सरकार की स्कूल मर्ज नीति के ख़िलाफ़ याचिका दी थी। सरकार के पक्ष को सही मानते हुए कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज किया है। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने फैसला सुनाया। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने योगी आदित्यनाथ सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के पांच दजार स्कूलों के विलय को वैध ठहराते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के फैसले से सरकार को बड़ी राहत मिली है।
पीलीभीत के लोग भी पहुंचे कोर्ट: पीलीभीत के ब्लॉक बिलसंडा के ग्राम चांदपुर निवासी सुभाष, यशपाल यादव और अत्येंद्र कुमार ने प्राइमरी स्कूलों के विलय को चुनौती दी है. सोमवार को ही लोगों ने सरकार की स्कूल पेयरिंग नीति के खिलाफ याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं ने याचिका में बेसिक शिक्षा विभाग के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें बच्चों की संख्या के आधार पर प्राथमिक स्कूलों को उच्च प्राथमिक या कंपोजिट विद्यालयों में विलय करने की बात कही है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह आदेश न केवल बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच को भी प्रभावित करता है. इस याचिका पर दो से तीन दिन में सुनवाई हो सकती है.
आप के राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- हाईकोर्ट के फैसले से हैरान हूं। उत्तर प्रदेश के बच्चों ने जज साहब से पढ़ाई बचाने की गुहार लगाई थी, सरकार ने स्कूल छीना । क्या यही है ‘शिक्षा का अधिकार’ ? इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा सरकारी स्काइल्स के मर्जर (विलेय) को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने फ्रैंक विरोध का ऐलान किया है। आप के काशी प्रांत के अध्यक्ष पवन तिवारी ने एक प्रेस वार्ता में योगी सरकार के एकाकी हमले के दौरान कहा कि यह स्केन का मर्जर नहीं, बल्कि बुलडोजर पर शिक्षा व्यवस्था की साजिश है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पूर्व अखिलेश यादव ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह शिक्षा व्यवस्था को खत्म कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के शेयर बाजार, गरीबों और ईसाइयों को शिक्षा से बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही हैं। सरकारी स्कूलों का एकीकरण बंद हो गया और लाखों बच्चों की शिक्षा दूर हो गई। सपा मुखिया ने योगी सरकार के एक जजमेंट पर कहा कि स्कूल मर्जर सोची-समझी रणनीति है, जिससे गरीबों को शिक्षा से दूर रखा जा सके।
प्राथमिक स्कूलों के विलय का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने आदेश को चुनौती देने वाली दोनों याचिकाएं खारिज कीं: परिषदीय स्कूलों के विलय मामले में राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों के विलय आदेश को चुनौती देने वाली दोनों याचिकाएं खारिज कर दी हैं। बच्चों के मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का उलंघन करने वाला आदेश: याचियों ने इसे मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाला कहा था। साथ ही मर्जर से छोटे बच्चों के स्कूल दूर हो जाने की परेशानियों का मुद्दा भी उठाया था। याचियों की ओर से खासतौर पर दलील दी गई थी कि स्कूलों को विलय करने का सरकार का आदेश, 6 से 14 साल के बच्चों के मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का उलंघन करने वाला है।
उधर, राज्य सरकार की ओर से याचिकाओं के विरोध में प्रमुख दलील दी गई कि विलय की कार्रवाई, संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए बच्चों के हित में की जा रही है। सरकार ने ऐसे 18 प्राथमिक स्कूलों का हवाला दिया था, जिनमें एक भी विद्यार्थी नहीं है।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिहाज से लिया गया निर्णय: कहा कि ऐसे स्कूलों का पास के स्कूलों में विलय करके शिक्षकों और अन्य सुविधाओं का बेहतर उपयोग किया जाएगा। सरकार ने पूरी तरह शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिहाज से ऐसे स्कूलों के विलय का निर्णय लिया। कोर्ट ने बीते शुक्रवार को सुनवाई के बाद में फैसला सुरक्षित कर लिया था। इसे सोमवार की दोपहर में सुनाया