Panchayat Season 4 Review: मजेदार, इमोशनल लेकिन थोड़ा ढीला! “गांव की राजनीति और इमोशन्स की चटनी” -क्या सीजन 5 आएगा? – मजेदार रिव्यू!
तो जनाब, TVF की पंचायत का नया सीज़न यानी सीज़न 4 आ चुका है, और भाई साहब – इस बार भी फुलेरा गांव के हल्के-फुल्के पॉलिटिक्स के तड़के में कॉमेडी, इमोशन और देसी ड्रामा की भरमार है। लेकिन सवाल ये है – क्या ये सीज़न पिछले तीन धमाकेदार सीज़न्स की बराबरी कर पाया या नहीं? चलिए इसी पर करते हैं थोड़ी हंसी-ठिठोली और थोड़ा विश्लेषण!
पहली बात – लुक एंड फील वही है!
जिसे आपने पंचायत में हमेशा से पसंद किया है – यानी वो देसीपन, वो रॉ फीलिंग्स, वो “गांव के चाय की दुकान पर राजनीति”, वो सचिव जी का मासूम गुस्सा और प्रधान जी की शालीन गंभीरता, सबकुछ जस का तस है। लेकिन… इस बार शुरू
में थोड़ा गैप जरूर महसूस होता है। ऐसा लगता है जैसे कहानी को थोड़ी खींचा जा रहा है, खासकर पहले दो एपिसोड में – लेकिन जैसे-जैसे किरदारों की पकड़ वापस आती है, आप फिर से फुलेरा में खो जाते हैं।
प्यारे-प्यारे किरदार फिर से!
मंजू देवी, सचिव जी, प्रह्लाद चा, विनोद, बंद्राकस – ये सब अब सिर्फ किरदार नहीं रहे, बल्कि गांव के अपने लोग बन चुके हैं। ये वो लोग हैं जिन्हें आप मिस नहीं कर सकते, और चाहे कहानी में थोड़-बहुत लूपहोल हो, इनकी परफॉर्मेंस ही सब कुछ उठा ले जाती है। विनोद का रोल इस बार कमाल कर गया है – कम बोलते हैं लेकिन जब बोलते हैं तो सीधा दिल पे लगती है।
इस बार चुनावी दंगल!
गांव की राजनीति यानी आलू बाँटो, समोसे खिलाओ, और वोट बटोरो वाला माहौल – वो सब मिलेगा। लेकिन TVF के स्टाइल में, यानी बिना ज़्यादा चीखे-चिल्लाए, सादगी और व्यंग्य से भरपूर। इलेक्शन का एंगल इस बार प्लॉट का सेंटर है, और वहीं से कई मजेदार मोड़ भी आते हैं।
ट्विस्ट एंड इमोशन – टीवीएफ स्टाइल
जैसे पिछले सीज़न में एक जबरदस्त क्लाइमैक्स ने सबका दिल थाम लिया था, वैसा ही एक ट्विस्ट इस बार भी चौथे एपिसोड में घुसा दिया गया है – जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। लेकिन हाँ, इस बार आपको लगेगा कि कुछ चीजें जबरदस्ती घुसीड़ी गई हैं। इमोशन्स की बात करें तो वो अब भी मजबूती से बने हुए हैं, लेकिन स्टोरीलाइन में थोड़ी सी कमी कई लोगों को खलेगी।
सीज़न 5 के लिए बिछाई गई बिसात!
क्लाइमैक्स एकदम अलग दिशा में ले जाता है, और एकदम साफ लग जाता है कि ये सीज़न दरअसल सीज़न 5 की नींव है। यानी TVF अभी भी पंचायत की लंबी उम्र की प्लानिंग कर रहा है, और आप चाहें या ना चाहें – फुलेरा छोड़ना आपके बस की बात नहीं है।
रेटिंग-वेटिंग?
भाई, सीधा-सीधा बोले तो – सीज़न 4 एक परफेक्ट 50-50 है! कभी आप बोर होंगे, कभी हँस पड़ेंगे – और कभी-कभी इमोशनल भी हो जाएंगे। और हां, गालियों की मात्रा लगभग न के बराबर है, तो फैमिली के साथ भी आराम से देखा जा सकता है।
नतीजा?
अगर आप पंचायत के फैन हैं – तो ये सीज़न आपकी डेली डोज है। थोड़ी सी शिकायतें होंगी, लेकिन दिल में जगह तो बनी ही रहेगी। और जो लोग पहली बार आ रहे हैं – पहले सीज़न से देखो, वर्ना आधे चुटकुलों का स्वाद ही नहीं मिलेगा।
मेरी तरफ से – 3.5 स्टार्स आउट ऑफ 5 ⭐⭐⭐✨
और सीज़न 5 के लिए – “रुको जरा, सबर करो” वाला मूड बना ही लीजिए!
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