कथावाचक कांड : यूपी के इटावा के दांदरपुर गांव में ‘अहीर रेजिमेंट’ के लोगों से पुलिस की, झड़प पत्थरबाजी-फायरिंग बवाल!
इटावा का दांदरपुर गांव में कथावाचकों से बदसलूकी हुई थी इसको लेकर ब्राह्मण और यादव पक्ष के लोग आमने-सामने हैं। आज गगन यादव की अगवाई वा में अहीर रेजीमेंट लोग कथावाचकों के समर्थन में गांव में जा रहे थे। पुलिस फोर्स ने उन्हें गांव जाने से रोका इस पर विवाद बढ़ गया और गुसाईं भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। और लाठी डंडों से पुलिस की गाड़ी छतिग्रस्त कर दिया। इस पर पुलिस को गुस्सा आ गया और हालात ऐसे बन गए कि पुलिस को कई राउंड हवा में फायरिंग करनी पड़ी। मौके पर भारी फोर्स मौजूद है फिलहाल शांत व्यवस्था कायम है।
यादव समाज के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए यादव समाज संगठन के अध्यक्ष गगन यादव को छोड़े जाने की मांग की। उनका कहना है कि कथावाचकों के खिलाफ की गई कार्रवाई को वापस लिया जाए। कथावाचकों के साथ मारपीट करने वालों को गिरफ्तार किया जाए। पुलिस ने दोनों कथावाचकों पर मुकदमा दर्ज किया है। हम इसी का विरोध करने पहुंचे हैं। गगन यादव ने कथावाचक की पिटाई मामले में मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने 26 जून को सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ इटावा आने का ऐलान किया था। उनकी ओर से भी पोस्टर जारी कर यात्रा की घोषणा की गई थी। पुलिस ने इसके बाद उनकी गिरफ्तारी कर ली। इससे नाराज सैकड़ों
कार्यकर्ता सड़क पर उतरे हैं: इटावा में कथावाचक की पिटाई पर अहीर रेजिमेंट और यादव संगठन के लोगों ने बकेवर थाने के सामने प्रदर्शन किया। यहां करीब डेढ़ हजार लोगों ने कथावाचक के दो साथियों को छुड़ाने के लिए थाना घेर लिया। पुलिस ने समझाना चाहा, तो नोकझोंक हो गई। पुलिस ने हंगामा बढ़ता देख 12 थानों की फोर्स बुलाई। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। दावा है- पुलिस की तरफ हवाई फायरिंग भी की गई।
दूसरा प्रदर्शन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हुआ। यादव समाज के लोगों ने एक्सप्रेस-वे पर बाइक रैली निकाली। पुलिस ने उन्हें समझाकर रवाना किया है। प्रदर्शनकारी आगरा-कानपुर नेशनल हाईवे की ओर बढ़ गए हैं
इटावा के एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव के अनुसार बकेवर प्रकरण को लेकर कुछ लोगों ने मुलाकात की है। उनकी बात सुनी गई है, लेकिन अब तक कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की
जाएगी।
अब पूरा मामला जानिए: इटावा के दादरपुर गांव में 22 जून को ब्राह्मणों ने यादव कथावाचक और उनके साथियों से मारपीट की थी, लेकिन इसका वीडियो कल सामने आया। कानपुर के कथावाचक मुकुट मणि सिंह के मुताबिक, ब्राह्मणों ने पहले उनकी जाति पूछी। जब उन्होंने बताया कि वे यादव बिरादरी से हैं, तो उन पर दलित होने का आरोप लगाते हुए धमकाया। कहा- ब्राह्मणों के गांव में भागवत पाठ करने की हिम्मत कैसे की। इसके बाद उनकी चोटी काट दी और सिर मुंडवा दिया। एक महिला के पैर पर नाक रगड़वाई गई। उनके साथियों के साथ भी मारपीट की। उनका भी सिर मुंडवा दिया और हारमोनियम तोड़ दिया।
घटना के बाद कथावाचक सोमवार को सपा सांसद जितेन्द्र दोहरे के साथ एसएसपी से मिलने पहुंचे। SSP के आदेश पर कोतवाली में अतुल, मनीष, पप्पू बाबा और डीलर पर नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सपा सांसद जितेंद्र दोहरे ने बताया भागवताचार्य और उनके सहयोगियों के साथ जो व्यवहार किया गया, वह अमानवीय और संविधान के खिलाफ है। सांसद ने कहा कि एसएसपी इटावा से मिलकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो सपा इस मुद्दे को संसद में उठाएगी।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने ब्राह्मण महासभा के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने इटावा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा, अगर कथावाचकों से कोई आपत्ति थी तो पहले शिकायत क्यों नहीं की गई । यदि कथावाचकों पर गलत तरीके से कोई कार्रवाई की गई, तो सपा भी आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
अखिलेश ने कहा- भाजपा को लगता है कि कथावाचक पर किसी का एकाधिकार है, तो कानून बनाकर दिखा दें।
अखिलेश ने कहा- प्रभुत्ववादी सीमाएं लांघ गए हैं। ये वर्चस्ववादी लोग सिर तक मुड़वा दे रहे हैं, रातभर पीटते हैं, ढोलक छीन लेते हैं और पैसों की मांग करते हैं। आखिर ये वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोग ताकत कहां से पा रहे हैं? यह सरकार हार्टलेस है, हर असंवैधानिक काम का समर्थन करती है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि PDA समाज ने अलग से कथा कहनी शुरू की तो वर्चस्व खत्म हो जाएगा: हमारी पार्टी के लोग जब जा रहे थे, पुलिस लगाकर रोक दिया गया। इसका असली कारण यह है कि उन्हें लगता है कि उनके पीछे सरकार खड़ी है। लेकिन अब पीडीए समाज इसका जवाब डटकर देगा। भाजपा को लगता है कि कथावाचक पर किसी का एकाधिकार है, तो कानून बनाकर दिखा दें। जिस दिन पीडीए समाज के लोगों ने अलग से कथा कहनी शुरू कर दी, उस दिन प्रभुत्ववादी समाज का वर्चस्व खत्म हो जाएगा।
सुल्तानपुर में महेंद्र प्रताप को गोली मार दी गई। महोबा में पिछले महीने दलित नवविवाहित जोड़े को अपमानित किया गया। घर के सामने से तभी गुजर सकते हैं, जब चप्पल उतारकर जाएंगे। नहीं तो अपमानित होना पड़ेगा। एटा में शोभा यात्रा नहीं निकालने दी गई। अम्बेडकर नगर में दलित समाज के साथ अपमान हुआ, पुलिस ने उन्हें ही पीटा। यह सब इसलिए हो रहा है कि 2500 लोग ही पूरी सरकार चला रहे हैं। सरकार में बैठे लोग कुछ भी कर सकते हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कथावाचक और उनके साथियों को लखनऊ बुलाया। उन्हें ढोलक और हारमोनियम गिफ्ट की, कथा भी कहलवाई। 21-21 हजार रुपए लिफाफे में मौके पर दिए । 51-51 हजार रुपए देने का ऐलान किया।
रेनु तिवारी ने भी एसएसपी से मिलकर कथावाचकों पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि मेरे घर कथा करने आए कथावाचक ने अभद्र व्यवहार किया। उनके झोले से बरामद आधार कार्ड में उनकी जाति अग्निहोत्री लिखी मिली, इससे उनकी जाति पर संदेह हुआ। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि कथावाचक द्वारा उनकी कथा को जानबूझकर खंडित किया गया।
आरोपी युवक मनु के चाचा सोनू तिवारी ने आरोप लगाया कि कथावाचकों ने न केवल जाति छुपाई, बल्कि जानबूझकर ग्रामीणों को भ्रमित किया।
अरुण दुबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात की। कथावाचक और उनके सहयोगियों के खिलाफ शिकायती पत्र सौंपा। आरोप लगाया कि कथावाचकों ने अपनी जाति छुपाई, धार्मिक भावना भड़काई और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि जल्द उचित कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।